मुस्काई तितली
खुशियों वाले नव रंगों से ,
बाग़ सजाने आई तितली।
उपवन के नव फूलों पे ,
प्रीत लुटाने आई तितली।
देख बहारें मस्ती वाली ,
मन ही मन हर्षाई तितली।
मेले रंग रंगीले देख ,
मंद मंद मुस्काई तितली।
मेले में थे चाट चटपटे ,
खुशबू से ललचाई तितली।
देख तमाशा दुनिया वाले ,
खुशियों से इठलाई तितली।
— महेंद्र कुमार वर्मा