गीतिका/ग़ज़ल

उदासी भरा दिल हो तब भी मुस्काराइए

उदासी भरा दिल हो तब भी मुस्काराइए
मंजिल  मिलेगी, पहले कदम तो बढ़ाइए ।
माना कि जीवन जंग में मुश्किलें बहुत है,
सपने हकीकत होते मन,आशा तो जगाइए।
थक गये सफर पर चलते – चलते पता है,
पर बची है कुछ उम्र जो साथ तो निभाइए।
अंत तक न कोई साथ चला है न चलेगा,
चलना है तो अपने कदम पे विश्वास बनाइये।
अंधेरों  में  कदम  हैं  लडखड़ाते  ये सच  है,
मिलेगा लक्ष्य आत्मबल का दीप तो जलाइये।
रिश्तों के बिन ये जीवन अधुरा है दोस्तों
‘शिव’ रिश्ते बड़े अनमोल हैं टूट से बचाईए।
—  शिवनन्दन सिंह 

शिवनन्दन सिंह

साधुडेरा बिरसानगर जमशेदपुर झारख्णड। मो- 9279389968