गीतिका/ग़ज़ल

कविता – कभी एहसास को अपने…

कभी एहसास को अपने कभी जज्बात को अपने |
लिखा करना मेरे दिल तू कभी ख्यालात को अपने ||

महफ़िल में बेशक रहना मगर खुद से भी मिल लेना |
खुदी से पूछ लेना फिर सभी सवालात को अपने ||

लेकर स्वेद की बूँदें बनाना पंख सपनों के |
बदलना गर तू चाहता है कठिन हालात को अपने ||

अगर मन हार जाये तो समझना जीत मुश्किल है |
कभी दिल में न देना तुम जगह डर – मात को अपने ||

बमों के दौर में मुझको लगे ऐसा मेरे यारो |
कहीं खुद ही न कर दे खत्म मानव ज़ात को अपने |

गुजरा है उसी का दिन उसी की सांझ खुशियों में |
किया जिसने नहीं बर्बाद कभी प्रभात को अपने ||

दुआओं में हमेशा माँगना जग के लिए खुशियाँ |
सकूं से  भरना चाहो तुम अगर दिन – रात को अपने ||

— अशोक दर्द

अशोक दर्द

जन्म –तिथि - 23- 04 – 1966 माता- श्रीमती रोशनी पिता --- श्री भगत राम पत्नी –श्रीमती आशा [गृहिणी ] संतान -- पुत्री डा. शबनम ठाकुर ,पुत्र इंजि. शुभम ठाकुर शिक्षा – शास्त्री , प्रभाकर ,जे बी टी ,एम ए [हिंदी ] बी एड भाषा ज्ञान --- हिंदी ,अंग्रेजी ,संस्कृत व्यवसाय – राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में हिंदी अध्यापक जन्म-स्थान-गावं घट्ट (टप्पर) डा. शेरपुर ,तहसील डलहौज़ी जिला चम्बा (हि.प्र ] लेखन विधाएं –कविता , कहानी , व लघुकथा प्रकाशित कृतियाँ – अंजुरी भर शब्द [कविता संग्रह ] व लगभग बीस राष्ट्रिय काव्य संग्रहों में कविता लेखन | सम्पादन --- मेरे पहाड़ में [कविता संग्रह ] विद्यालय की पत्रिका बुरांस में सम्पादन सहयोग | प्रसारण ----दूरदर्शन शिमला व आकाशवाणी शिमला व धर्मशाला से रचना प्रसारण | सम्मान----- हिमाचल प्रदेश राज्य पत्रकार महासंघ द्वारा आयोजित अखिल भारतीय कविता प्रतियोगिता में प्रथम स्थान प्राप्त करने के लिए पुरस्कृत , हिमाचल प्रदेश सिमौर कला संगम द्वारा लोक साहित्य के लिए आचार्य विशिष्ठ पुरस्कार २०१४ , सामाजिक आक्रोश द्वारा आयोजित लघुकथा प्रतियोगिता में देशभक्ति लघुकथा को द्वितीय पुरस्कार | इनके आलावा कई साहित्यिक संस्थाओं द्वारा सम्मानित | अन्य ---इरावती साहित्य एवं कला मंच बनीखेत का अध्यक्ष [मंच के द्वारा कई अन्तर्राज्यीय सम्मेलनों का आयोजन | सम्प्रति पता –अशोक ‘दर्द’ प्रवास कुटीर,गावं व डाकघर-बनीखेत तह. डलहौज़ी जि. चम्बा स्थायी पता ----गाँव घट्ट डाकघर बनीखेत जिला चंबा [हिमाचल प्रदेश ] मो .09418248262 , ई मेल --- [email protected]