कहा हाथ की लकीरों ने
कल रात सपने में हाथ की लकीरों से बात हुई,
बात क्या हुई, बहुत ही सुंदर-सार्थक मुलाकात हुई।
पर्यावरण को प्रदूषण से बचाओ,
कहा हाथ की लकीरों ने,
जल को व्यर्थ मत बहाओ,
कहा हाथ की लकीरों ने।
औद्योगिक कचरा नदियों में मत बहाओ,
कहा हाथ की लकीरों ने,
वृक्षों को काटो मत, नए वृक्ष लगाओ,
कहा हाथ की लकीरों ने।
प्लास्टिक-निषेध के नारों से कुछ न होगा,
कहा हाथ की लकीरों ने,
धरा को प्लास्टिक-मुक्त करना ही होगा,
कहा हाथ की लकीरों ने।
ओजोन-छेद को बढ़ने से रोकना होगा,
कहा हाथ की लकीरों ने,
जंगल नष्ट करोगे तो कष्ट भुगतना होगा,
कहा हाथ की लकीरों ने।
रेगिस्तान तथा सूखा रोकथाम मनाओ-न-मनाओ, कोई हर्ज नहीं,
पर्यावरण को प्रदूषण से बचाना फर्ज है, कर्ज नहीं।
(विश्व रेगिस्तान तथा सूखा रोकथाम दिवस 17 जून पर विशेष)