गीतिका
सच को सुन लो या कि हूट करो
सत्य का झंडा लेकर आया हूं
जन्म से मां भारती का हूँ बेटा
साफ यह फंडा लेकर आया हूं
बांध कर चलता हूं कफन सर पे
जो भी किस्मत है साथ लाया हूं
3 रंगों के साथ चक्र भी है
झंडा अपना तिरंगा लाया हूं
जिनको परहेज है चले जाएं
हाथों में डंडा लेकर आया हूं
— डॉक्टर इंजीनियर मनोज श्रीवास्तव