मुझे चंद्रयान 3 बन जाना है
मुझे भी भारत का नाम चमकाना है
चंद्रयान 3 बनकर मुझे चंद्रमा पर जाना है
जो भी खार खाते हैं हमसे पड़ोसी मुल्ख
उनकी छाती पर मूंग दल कर आना है
अमेरिका और चीन जहां जा पहुंचे हैं
तिरंगा भारत का वहां भी फ़हराना है
भारत भी अब किसी से कम नहीं
पूरे विश्व को यही समझाना है
डरते हम नहीं किसी से
न ही किसी को हमने धमकाना है
पर जो आंख उठा कर देखेगा
उसकी आंख को नीचा करके आना है
जलते हैं जो हमसे उनको और जलाना है
कम नहीं किसी से हम ठोकर पे हमारी ज़माना है
हमसे मुकाबला क्या कर पाओगे तुम
कुछ नहीं बचा तेरे पास तो खाली खज़ाना है
लिख देंगे चांद पर हम एक नई कहानी
बनेगा इक दिन यह अफसाना है
अलग अलग जात पात मज़हब हैं हमारे
पहले हम हिंदुस्तानी सब को यह बताना है
— रवींद्र कुमार शर्मा