आज का महाभारत 01
एक वृद्ध महोदय
जोर-जोर से इस युग को
सबसे बुरा युग बताते
अपने जमाने की
ढोल बजाए जा रहे थे।
महाभारत के पात्रों का
आदर्श बखानते
आज के चरित्र संकट पर
क्षोभ जाहिर करते
छी: छीः, थू-थू करते रहे
काफी देर तक।
तभी एक युवा आया
वृद्ध की बातें सुन
उसका दिमाग चकराया
युवा बोला,
ऐ बाबा
आप क्यूँ हमारे युग पर
आँसू बहाते, अपने जमाने की
गुण गाए जा रहे हो ?
आज भी महाभारत है जारी
यहाँ भरे पड़े हैं अनाचारी।
मैं मानता हूँ
पर मैं यह भी जानता हूँ
कि यह पाठ तुमने ही पढ़ाया है।
आने वाली पीढ़ी को
भाई की हत्या करना
नारी को नंगी करना
नाना प्रकार के छल-कपट से
स्वार्थ-सिद्धि करना सिखाया है।
- डॉ. प्रदीप कुमार शर्मा
रायपुर, छत्तीसगढ़