कारगिल
कारगिल क्या है
नापाक पाकिस्तान के
नापाक मंसूबों की कहानी है,
बदले में याद आई उसकी नानी है।
दिवास्वप्न की आदतों से मजबूर
उसने भारतीय सीमा क्षेत्र की पहाड़ियों पर
कब्जा करने का दुस्साहस किया,
भारतीय चरवाहों की सूचना पर
हमारे जांबाजों ने उसकी हरकतों का
आपरेशन विजय चला कर
मुंह तोड़ जवाब दिया।
जब उसे कोई रास्ता न सूझा
तब अमेरिका की शरण में गया
अपने सैनिकों, आतंकियों की घर वापसी का
भरोसा देकर घुटनों पर बैठ गया,
संघीय दबाव का ऐसा असर हुआ
कि वो भारत से बातचीत के लिए
नाक रगड़ने लगा,
भारत अपनी शर्तों पर
बातचीत के लिए तैयार हुआ।
तीन मई उन्नीस सौ निन्यानबे से शुरू हुआ युद्ध
आखिरकार छब्बीस जुलाई उन्नीस सौ निन्यानबे को
आपरेशन विजय की सफलता की
औपचारिक घोषणा के साथ समाप्त हुआ।
पाकिस्तानी हुक्मरानों का मुंह
एक बार फिर काला हो गया।
हमारे रणबांकुरों का शौर्य पराक्रम ऐसा दिखा
कि दुनिया भर में भारतीय तिरंगे का
चहुंओर गुणगान हो रहा था
फिजाओं में जयहिंद, वंदेमातरम्
भारत माता का उदघोष गूंज रहा था।
हर साल छब्बीस जुलाई को
हम सब कारगिल विजय दिवस मनाते हैं
शहीदों को श्रद्धांजलि देते
शत शत नमन करते हैं,
उनके शौर्य साहस को याद करते हैं
अपने जांबाजों का सम्मान उन्हें नमन कर करते हैं,
जय हिन्द वंदेमातरम् का जयघोष करते हैं।
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