मां गंगे की पीड़ा की वास्तविक कहानी
गंगा उत्सव मनाने को अब
राष्ट्रव्यापी नदी उत्सव बनाएंगे
मां गंगे की पीड़ा की वास्तविक कहानी
जन-जन तक हम पहुंच जाएंगे
नदी उत्सव सम्मान की परंपरा को
पुनर्जीवित करने का बीज बोएगा
देश का हर नागरिक सचेत होकर
दूषित जल की पीड़ा सुलझाएगा
गंगा की पीड़ा को हम सब तब समझ पाएंगे
जब कचरे का ढेर नदियों में पड़ा पाएंगे
नदियों को स्वस्थ रखने जनता जनजागृति लाएंगे
प्रेरणा के लिए हर साल गंगा उत्सव मनाएंगे
मां गंगा को शुद्ध करने अनेक मिशन चलाएंगे
इन मिशनों को प्रेरणा दायक बनाएंगे
प्रकृति में संरक्षण का नियम अपनाएंगे
युवा शक्ति को इस शुभ काम में लगाएंगे
— किशन सनमुख़दास भावनानी