गीत : ‘चंदा मामा नही दूर के’
चंदा मामा नही दूर के, अब वह अपने पास हैं ।
भारत ने इतिहास रचा है,दुश्मन सभी उदास हैं ।
वैदिक युग से ही खगोल विद्या का हमको ज्ञान रहा ।
ग्रहों, नक्षत्रों की स्थिति का सहज हमें अनुमान रहा।
हम खगोल गणनाओं में, अब तक सबसे आगे हैं,
शोध किया मेरे पुरखों ने,अति उन्नत विज्ञान रहा ।
विश्वगुरू हो भारत फिर से सबके यही प्रयास हैं ।
चंदा मामा…………………..
पराधीनता की भारत ने समय समय पर मार सही।
नीच नीतियाँ किंतु शत्रुओं की सारी बेकार रही ।
भारत की मेधा को कुंद करने के बहुत प्रयास हुए,
तप से पैदा हुई आर्यमेधा पर चढ़ती धार रही ।
ऋषियों मुनियों के तप की पूँजी भारत की खास है।
चंदा मामा………………..
भारत ने मंगल को नापा , अब चंदा को नाप लिया।
इसरो ने तृतीय कोशिश में ,एक अनूठा काम किया।
सफल प्रयास रहा भारत का, चंद्रयान प्रक्षेपण में ,
सवा अरब भारती जनों का ,चंदा को पैगाम दिया ।
नित नव, नभ इतिहास, लिखेगा भारत यह विश्वास है।
चंदा मामा …………………………………….
------------©डॉ. दिवाकर दत्त त्रिपाठी