कविता

संस्कृत भाषा हमारी पहचान

संस्कृत हमारी,संस्कृति की पहचान है
संस्कृति ही हमारी,आन-बान-शान है।

हमारे देश के लिए, यह बड़ी वरदान है
यही हमारे प्राचीन,सभ्यता की जान है।

संस्कृत भाषा,देव-वाणी,गीता-पुराण है
इसी से श्लोक,रमायण-वेदों का ज्ञान है।

संस्कृत  से ही होती,देवों की गुणगान है
बिना संस्कृत के अधूरी, स्तुति-ध्यान है।

यह संस्कृत ,सभी भाषाओं में  महान है
यही धर्म-आस्था, नैतिकता की खान है।

संस्कृत हमारा,सम्मान व स्वाभिमान है
इसी भाषा से हमें  विश्व में अभिमान है।

— अशोक पटेल “आशु “

*अशोक पटेल 'आशु'

व्याख्याता-हिंदी मेघा धमतरी (छ ग) M-9827874578