संस्कृत भाषा हमारी पहचान
संस्कृत हमारी,संस्कृति की पहचान है
संस्कृति ही हमारी,आन-बान-शान है।
हमारे देश के लिए, यह बड़ी वरदान है
यही हमारे प्राचीन,सभ्यता की जान है।
संस्कृत भाषा,देव-वाणी,गीता-पुराण है
इसी से श्लोक,रमायण-वेदों का ज्ञान है।
संस्कृत से ही होती,देवों की गुणगान है
बिना संस्कृत के अधूरी, स्तुति-ध्यान है।
यह संस्कृत ,सभी भाषाओं में महान है
यही धर्म-आस्था, नैतिकता की खान है।
संस्कृत हमारा,सम्मान व स्वाभिमान है
इसी भाषा से हमें विश्व में अभिमान है।
— अशोक पटेल “आशु “