भजन/भावगीत

जय गणेश- भाव गीत 

हे गणदेव गजानन गणेश,

विघ्नहरण हो तुम दाता,

तुम ही गुरु हमारे हो प्रभु,

तुम ही बंधु-पितु-माता.

सबसे पहले पूजन पाते,

आनंद-अमृत हो बरसाते,

सब पर कृपा करने वाले,

कृपा-सिंधु तुम हो कहलाते.

— लीला तिवानी

नई दिल्ली

*लीला तिवानी

लेखक/रचनाकार: लीला तिवानी। शिक्षा हिंदी में एम.ए., एम.एड.। कई वर्षों से हिंदी अध्यापन के पश्चात रिटायर्ड। दिल्ली राज्य स्तर पर तथा राष्ट्रीय स्तर पर दो शोधपत्र पुरस्कृत। हिंदी-सिंधी भाषा में पुस्तकें प्रकाशित। अनेक पत्र-पत्रिकाओं में नियमित रूप से रचनाएं प्रकाशित होती रहती हैं। लीला तिवानी 57, बैंक अपार्टमेंट्स, प्लॉट नं. 22, सैक्टर- 4 द्वारका, नई दिल्ली पिन कोड- 110078 मोबाइल- +91 98681 25244