कविता

परिणाम

कर्मप्रधान है जीवन जग का,

कर्म से ही मिलता परिणाम,

हम चाहें या ना भी चाहें,

मिलकर रहता है परिणाम.

हर्षाता भी है परिणाम,

कभी रुलाता भी परिणाम,

कभी निराशा से भर देता,

साहस भी देता परिणाम.

अक्सर अच्छे काम का अच्छा,

होता देखा है परिणाम,

कभी-कभी पर धोखे का भी,

भान कराता है परिणाम.

सही राह पर चलते जाना,

जो चाहो अच्छा परिणाम,

भटक गए और अटक गए तो,

सोचो क्या होगा परिणाम!

जोश-होश से काम करो तो,

मिलती सफलता है अविराम,

धैर्य-दृढ़ता मन में हो तो,

मिलता है मंगल परिणाम.

अटल इरादे सफल बनाते,

कोरे वादे न आते काम,

अपने लक्ष्य पर नजर हमेशा,

रखना जो चाहो शुभ परिणाम.

— लीला तिवानी

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1Leela Tewani

*लीला तिवानी

लेखक/रचनाकार: लीला तिवानी। शिक्षा हिंदी में एम.ए., एम.एड.। कई वर्षों से हिंदी अध्यापन के पश्चात रिटायर्ड। दिल्ली राज्य स्तर पर तथा राष्ट्रीय स्तर पर दो शोधपत्र पुरस्कृत। हिंदी-सिंधी भाषा में पुस्तकें प्रकाशित। अनेक पत्र-पत्रिकाओं में नियमित रूप से रचनाएं प्रकाशित होती रहती हैं। लीला तिवानी 57, बैंक अपार्टमेंट्स, प्लॉट नं. 22, सैक्टर- 4 द्वारका, नई दिल्ली पिन कोड- 110078 मोबाइल- +91 98681 25244