बेचारा आवारा
थक कर बैठ गया हूँ
थोड़े विराम के लिए
मगर सोच मत लेना
कि मैं जीवन से हार गया हूँ।
बदलते रहते हैं
जीवन के पड़ाव
मगर सोच मत लेना
मैं दूसरों के सहारे हो गया हूँ।
बदलते हुए जमाने के साथ
थोड़ा बदल सा गया हूँ
मगर सोच मत लेना
कि अब मैं आवारा हो गया।
गुमसुम सा रहता हूँ
गुमनाम लोगों के बीच
मगर सोच मत लेना
कि अब मैं बेचारा हो गया।
— राजीव डोगरा