कविता

मुस्कान : भगवान के हस्ताक्षर

मुस्कान वह नेमत है, जो सबको नहीं मिलती,
मुस्कान के बिना दिल की कली भी तो नहीं खिलती!
फोटो अच्छा आने के लिए फोटोग्राफर कहता है मुस्कुराइए”,
फोटो अच्छा आने के लिए हम मुस्कुराते हैं,
फोटो में जान आ जाती है,
मुस्कान चेहरे पर भगवान के हस्ताक्षर हैं,
उसे आँसुओं से धुलने या क्रोध से मिटने न दें,
ये नेमत बार-बार नहीं मिल पाती है,
सबको नहीं मिल पाती है.
स्वरचित और मौलिक
— लीला तिवानी

*लीला तिवानी

लेखक/रचनाकार: लीला तिवानी। शिक्षा हिंदी में एम.ए., एम.एड.। कई वर्षों से हिंदी अध्यापन के पश्चात रिटायर्ड। दिल्ली राज्य स्तर पर तथा राष्ट्रीय स्तर पर दो शोधपत्र पुरस्कृत। हिंदी-सिंधी भाषा में पुस्तकें प्रकाशित। अनेक पत्र-पत्रिकाओं में नियमित रूप से रचनाएं प्रकाशित होती रहती हैं। लीला तिवानी 57, बैंक अपार्टमेंट्स, प्लॉट नं. 22, सैक्टर- 4 द्वारका, नई दिल्ली पिन कोड- 110078 मोबाइल- +91 98681 25244