कविता

मौन ने जो कहा

मौन ने जो कहा -क्या आपने सुना?आप कहेंगे नहीं, बिल्कुल भी नहींक्योंकि मौन की वाणी, भाषामौन होकर सुनना, समझना पड़ता है,तभी वो समझ में आता है,वरना व्यर्थ हो जाता है।वो इसलिए भी किमौन साधना है, आत्मचिंतन हैजिसे साधना आसान नहीं हैपर इतना मुश्किल भी नहीं हैजितना आप दिखाते हैं।क्योंकि मौन पथ पर आपएक कदम भी चलना ही नहीं चाहते हैंऊपर से मौन का उपहास भी उड़ाते हैंलेकिन मौन के स्वर संदेश कोआत्मसात करना बिल्कुल ही नहीं चाहते हैं।

*सुधीर श्रीवास्तव

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