गीत/नवगीत

गीत

कौन है ऐसा जगत में,
जो न करता काम अपने!

सूर्य अपना अक्ष पकड़े,
सर्वदा गतिमान रहता।
और ऊर्जा की उदधि को,
सर्व हित में दान करता।
ग्रीन हाउस हम बनाकर,
फिर लगे दिन-रात तपने।
कौन है………………..।।

चाँद, तारे, व्योम, धरती,
सब जुटे निज काम में हैं।
साधु, विज्ञानी, गृही जन,
कर्मरत अठ याम में हैं।
सब चराचर हैं लगे बस,
साध्य सम्मत जाप जपने।
कौन है…………………।।

शेर, हाथी, कीट, पंछी,
नीम, पीपल,आम,झाड़ी।
जैव संरचना सभी से,
शैल, सागर, रेत, खाड़ी।
नींद में भी नींद आकर,
नित दिखाती ढेर सपने।
कौन है………………..।।

डॉ अवधेश कुमार अवध

*डॉ. अवधेश कुमार अवध

नाम- डॉ अवधेश कुमार ‘अवध’ पिता- स्व0 शिव कुमार सिंह जन्मतिथि- 15/01/1974 पता- ग्राम व पोस्ट : मैढ़ी जिला- चन्दौली (उ. प्र.) सम्पर्क नं. 919862744237 [email protected] शिक्षा- स्नातकोत्तर: हिन्दी, अर्थशास्त्र बी. टेक. सिविल इंजीनियरिंग, बी. एड. डिप्लोमा: पत्रकारिता, इलेक्ट्रीकल इंजीनियरिंग व्यवसाय- इंजीनियरिंग (मेघालय) प्रभारी- नारासणी साहित्य अकादमी, मेघालय सदस्य-पूर्वोत्तर हिन्दी साहित्य अकादमी प्रकाशन विवरण- विविध पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशन नियमित काव्य स्तम्भ- मासिक पत्र ‘निष्ठा’ अभिरुचि- साहित्य पाठ व सृजन