गीतिका/ग़ज़ल

सरस्वती वंदना

आधार छंद-गंगोदक
212 212 212 212,212 212 212 212

आपका नेह मुझको सदा माँ मिले,
सोचकर भाव यों गुनगुनाता रहूँ।
मैं हमेशा रहूँ आपकी ही शरण,
शीश चरणों में’मैं तो झुकाता रहूँ।

हाथ तेरा हमेशा रहे शीश पर,
भाव शब्दों से’झोली न खाली रहे,
छंद बनते रहें दिल मचलते रहें,
गीत प्यारा सदा मैं तो’गाता रहूँ।

जानता हूँ मिटे ज्ञान के सब धनी,
एक तेरी कृपा आसरा है मे’रा,
दूर कोसों रहूँ गर्व के भाव से,
हर निशानी मैं’ इसकी मिटाता रहूँ।

चाहता हूँ मुझे रोशनी ही मिले,
चाह पूरी सभी की तो’ होती नहीं,
साथ में चल रहे साथियों के लिए,
आस का एक दीपक जलाता रहूँ।

डर मुझे है नहीं राह की मुश्किलें,
रोक देंगी हमारे ये’बढ़ते कदम,
चाहता हूँ कृपा आपकी मैं तो’ माँ,
पथ नया मैं हमेशा बनाता रहूँ।

छंद का ज्ञान हो भाव भरपूर हों,
एक माला बने शब्द से शब्द जुड़,
प्रार्थना है यही मातु आशीष दो,
गीतिका नित्य यूँ ही सुनाता रहूँ।
डाॅ बिपिन पाण्डेय

डॉ. बिपिन पाण्डेय

जन्म तिथि: 31/08/1967 पिता का नाम: जगन्नाथ प्रसाद पाण्डेय माता का नाम: कृष्णादेवी पाण्डेय शिक्षा: एम ए, एल टी, पी-एच डी ( हिंदी) स्थाई पता : ग्राम - रघुनाथपुर ( ऐनी) पो - ब्रह्मावली ( औरंगाबाद) जनपद- सीतापुर ( उ प्र ) 261403 रचनाएँ (संपादित): दोहा संगम (दोहा संकलन), तुहिन कण (दोहा संकलन), समकालीन कुंडलिया (कुंडलिया संकलन), इक्कीसवीं सदी की कुंडलियाँ (कुंडलिया संकलन) मौलिक- स्वांतः सुखाय (दोहा संग्रह), शब्दों का अनुनाद (कुंडलिया संग्रह), अनुबंधों की नाव (गीतिका संग्रह), अंतस् में रस घोले ( कहमुकरी संग्रह), बेनी प्रवीन:जीवन और काव्य (शोध ग्रंथ), मंथन का निष्कर्ष ( कुंडलिया संग्रह) साझा संकलन- कुंडलिनी लोक, करो रक्त का दान, दोहों के सौ रंग,भाग-2, समकालीन मुकरियाँ ,ओ पिता!, हलधर के हालात, उर्वी, विवेकामृत-2023,उंगली कंधा बाजू गोदी, आधुनिक मुकरियाँ, राघव शतक, हिंदी ग़ज़ल के साक्षी, समकालीन कुंडलिया शतक, समकालीन दोहा शतक और अनेकानेक पत्र-पत्रिकाओं में रचनाओं का निरंतर प्रकाशन। पुरस्कार: दोहा शिरोमणि सम्मान, मुक्तक शिरोमणि सम्मान, कुंडलिनी रत्न सम्मान, काव्य रंगोली साहित्य भूषण सम्मान, साहित्यदीप वाचस्पति सम्मान, लघुकथा रत्न सम्मान, आचार्य वामन सम्मान चलभाष : 9412956529