कविता
ये रिश्ता क्या कहलाता है?
जो किसी से दर्द का होता है,
तो किसी से प्यार का होता है।
कभी किसी की याद में दिल हो जाता है बेचैन,
तो किसी से मिलने के बाद मिलता है
दिल को शुकुन और चैन।
कोई रहता है दिल में दुश्मन की तरह,
तो कोई बसता है दिल में दोस्त की तरह।
कुछ रिश्ते सुंदर होते हैं, तो कुछ बदसूरत,
कुछ कठोर, तो कुछ नरम तो कुछ बन जाते हैं
जीवन भर यादों की मूरत।
रिश्तों का भी है अपनी अजब दस्तुर,
कुछ जीवन भर साथ हैं निभाते
तो कुछ पल भर में हो जाते हैं दूर।
— मृदुल शरण