हर रंग इक मनुहार
हर रंग इक मनुहार
अपनी है ये जिन्दगी ,हालत से मजबूर ,
पाओगे खुशियां यहाँ, पर ग़म से भरपूर।
कैसे भी हालात हों ,होना नहीं उदास ,
जीत सके मानुष वही,जिसकी जीवित आस। .
—
हर रंग में रंग जाइये ,हर रंग इक मनुहार ,
हालातों से डर नहीं,कर उसका प्रतिकार।
अपनी है ये जिन्दगी ,हालत से मजबूर ,
पाओगे खुशियां यहाँ, पर ग़म से भरपूर।
कैसे भी हालात हों ,होना नहीं उदास ,
जीत सके मानुष वही,जिसकी जीवित आस। .
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हर रंग में रंग जाइये ,हर रंग इक मनुहार ,
हालातों से डर नहीं,कर उसका प्रतिकार।