जिंदगी चलती है
जिंदगी चलती नहीं है
किसी के रूठने मान जाने से ,
जिंदगी चलती रहती है
सांसों के आने जाने से ,
आपाधापी मची है
हर एक सांस के लिए ही,
मरता नहीं है कोई यहां पर
सपनों के मर जाने से,
न गम कर क्या मिला तुझे
इस दुनिया जहां से,
वक्त भी भला रुकता है
किसी के रुक जाने से,
समंदर भी किनारे तोड़ देता
साहिल के मोहब्बत में ,
अगर साहिल मिल सकता
किनारो के टूट जाने से,
एहसान फरामोशी फितरत है
हमेशा से ही रही इंसा की ,
न कर खुद को खारिज
लोगों के आजमाने से,
यह परदेसी पंछी नहीं करते
आंगन की चहचहाहट आबाद,
बाज आ ही जाओ
ऐसे बेकार रिश्ते निभाने से,
जो दिल पर लकीर खेंच दे
क्या करिए ऐसे रिश्तों का,
रिश्ता तो वही जो जीता हो
एक तुम्हारे मुस्कुराने से,
मोहब्बत की तलाश है तो
अपनों के दिल की तलाशी ले,
कोई तुम्हें देख कर जीता होगा
छुपा के दिल के खजाने में,
मयस्सर नहीं है दुनिया में
सबको दिल की यह दौलत ,
खुदा भी कई बार टूटता है
यह दिल की दुनिया सजाने में,
ना मांग कभी किसी से
दुनिया में मोहब्बत की दौलत,
सस्ता करेंगे लोग तुझे
देखना इस जमाने में,
— रेखा शाह आरबी