नव वर्ष में हर्ष अनन्त रहे
जीवन में सदा ही बसन्त रहे
खुशियों का कोई न अंत रहे
उमंग नयी हो तरंग नयी हो
नव वर्ष में हर्ष अनन्त रहे
सागर सुख का बस लहराये
अब हवा भी गीत मधुर गाये
न त्रास मिले न तिमिर मिले
अब होता सदा अरिहंत रहे
नित ही नव प्रकाश मिले
सबको दृढ विश्वास मिले
कीर्ति मिले नव यश फैले
सीमा वैभव की अनन्त रहे
मुख पे कमल सी आभा हो
राहों में कोई न बाधा हो
सौंदर्य बढ़े सब रोग मिटे
बस बनी कृपा भगवंत रहे
राजकुमार तिवारी ’’राज’’
बाराबंकी उ0प्र0