कविता – चलों चलें सफर पर
चलों चले सफर पर जीवन को सुंदर बनाते है
जो समय बीत गया उसको भूलकर नई शुरुवात करते है
जो दुख भरा समय बीत गया अब थोड़ा मुस्कराते है
चलों नये सफर पर हम सब कदम बढ़ाते है
कुछ नया सीखने का कुछ नया करने का प्रयास करते है
राह तो कठिन होगी फिर भी चलने की हिम्मत रखते है
जो सपनों को हमने देखा उनको पूरा करते है
मंजिल को पाने के लिये नयी ऊर्जा भरते है
जीवन में उतार चढ़ाव तो आते रहते है
उनको हम पीछे छोड़कर आगे बढ़ जाते है
चलों नये सफर पर जीवन को खुशनुमा बनाते है
जो बची जिंदगी उसको मानव सेवा में लगाते है.[…]
— पूनम गुप्ता