नया वर्ष
नया वर्ष नया पैगाम लाया है।
नफरत नहीं मोहब्बत का
एहसास लाया है।
नया वर्ष नया जुनून लाया है।
हार नहीं जीत का
ख्वाब लाया है।
नया वर्ष नई बहार लाया है।
खिलती नहीं जो कलियां
उनको फूल बनाने आया है।
नया वर्ष नया इतिहास लाया है।
मिला नहीं जो आज तक
उसकी आशीष लाया है।
नया वर्ष नया अंदाज लाया है।
बिखर चुके है जो जज्बात
उनका हिसाब लेने आया है।
— डॉ.राजीव डोगरा