कविता

साल नया

देकर कुछ खट्टे कुछ मीठे
कुछ दुख के, कुछ सुख के
कुछ दर्द के, कुछ सुकून के
कुछ कड़े, कुछ राहत भरे
पल हो रहा है विदा साल ये
बांधता उम्मीदें, सपने,चाहतें,
अरमान नए
होगा साल नया ,हर दिन,
हर हफ्ता, हर महीना नया
हर सुबह, हर दिन, हर शाम,हर रात नई
बस नए साल के साथ हो हर बात नई
लिपटी रहे न कड़वी याद कोई,
पुराना ज़ख्म कोई, पुराना दर्द कोई,
पुरानी टीस कोई
हो आगमन सुख , सुकून, शांति
और सुकून का
न कोई आतंक, न कोई युद्ध,
न कोई आपदा, विपदा ,कहर
नया साल लेकर आए बस
नयापन , नई खुशियां, नई राहतें,
नई चाहतें ,नई मुस्कानें
सोखता हर पीड़ा पुरानी,
हर आँसूं पुराना, हर दर्द पुराना,
हर चोट पुरानी,हर निराशा पुरानी
बस भर दे हर जीवन, हर घर
खुशियों की बरकत से
हर दिल हो खिलखिला
हर मन उमंगों भरा
हर नज़र सुकून भरी
हर लब मुस्कुराते हुए
है आरज़ू ,है विनती है मन्नत
बस इतनी सी आने वाले नए साल तुझ से।।
— मीनाक्षी सुकुमारन

मीनाक्षी सुकुमारन

नाम : श्रीमती मीनाक्षी सुकुमारन जन्मतिथि : 18 सितंबर पता : डी 214 रेल नगर प्लाट न . 1 सेक्टर 50 नॉएडा ( यू.पी) शिक्षा : एम ए ( अंग्रेज़ी) & एम ए (हिन्दी) मेरे बारे में : मुझे कविता लिखना व् पुराने गीत ,ग़ज़ल सुनना बेहद पसंद है | विभिन्न अख़बारों में व् विशेष रूप से राष्टीय सहारा ,sunday मेल में निरंतर लेख, साक्षात्कार आदि समय समय पर प्रकशित होते रहे हैं और आकाशवाणी (युववाणी ) पर भी सक्रिय रूप से अनेक कार्यक्रम प्रस्तुत करते रहे हैं | हाल ही में प्रकाशित काव्य संग्रहों .....”अपने - अपने सपने , “अपना – अपना आसमान “ “अपनी –अपनी धरती “ व् “ निर्झरिका “ में कवितायेँ प्रकाशित | अखण्ड भारत पत्रिका : रानी लक्ष्मीबाई विशेषांक में भी कविता प्रकाशित| कनाडा से प्रकाशित इ मेल पत्रिका में भी कवितायेँ प्रकाशित | हाल ही में भाषा सहोदरी द्वारा "साँझा काव्य संग्रह" में भी कवितायेँ प्रकाशित |