साल नया
देकर कुछ खट्टे कुछ मीठे
कुछ दुख के, कुछ सुख के
कुछ दर्द के, कुछ सुकून के
कुछ कड़े, कुछ राहत भरे
पल हो रहा है विदा साल ये
बांधता उम्मीदें, सपने,चाहतें,
अरमान नए
होगा साल नया ,हर दिन,
हर हफ्ता, हर महीना नया
हर सुबह, हर दिन, हर शाम,हर रात नई
बस नए साल के साथ हो हर बात नई
लिपटी रहे न कड़वी याद कोई,
पुराना ज़ख्म कोई, पुराना दर्द कोई,
पुरानी टीस कोई
हो आगमन सुख , सुकून, शांति
और सुकून का
न कोई आतंक, न कोई युद्ध,
न कोई आपदा, विपदा ,कहर
नया साल लेकर आए बस
नयापन , नई खुशियां, नई राहतें,
नई चाहतें ,नई मुस्कानें
सोखता हर पीड़ा पुरानी,
हर आँसूं पुराना, हर दर्द पुराना,
हर चोट पुरानी,हर निराशा पुरानी
बस भर दे हर जीवन, हर घर
खुशियों की बरकत से
हर दिल हो खिलखिला
हर मन उमंगों भरा
हर नज़र सुकून भरी
हर लब मुस्कुराते हुए
है आरज़ू ,है विनती है मन्नत
बस इतनी सी आने वाले नए साल तुझ से।।
— मीनाक्षी सुकुमारन