गीत
मन मुदित अरु भावनाएं हैं मुखर हर व्यक्ति की |
है सुखद पल जय विजय है फिर सनातन शक्ति की |
बन गया मंदिर अयोध्या नाथ श्रीपति राम का |
हो रहा है आज वन से आगमन सियाराम का |
राम का अभिषेख सपना देखती हर दृष्टि की
मन मुदित —-
जनवरी बाईस होगा फिर महा उत्सव यहां |
दीपमाला से सजेगा देश का घर-घर यहां |
राष्ट्रभक्ति राम भक्ति विजय भगवदभक्ति की |
मन मुदित —
चहुँ दिशाएं गा रहीं हैं हर्ष और उल्लास है |
राम धुन की गूँज से गुंजित धरा आकाश है |
तृषित मन सब कामना संतुष्टि अनुपम तृप्ति की |
मन मुदित —-
आ रहे हैं राम मेरे पथ निहारें दो नयन |
मन मृदुल दृग बिंदु झरते दरश को तरसे नयन |
बह रही मन्दाकिनी है भक्ति रस अनुरक्ति की |
मन मुदित
— मंजूषा श्रीवास्तव “मृदुल”