गीत/नवगीत

राम लला जी की प्राण प्रतिष्ठा

पांच सौ वर्षों से, भी अधिक का
इंतजार आखिर , खत्म हुआ
अयोध्या सज गयी, दुल्हन जैसी
श्री राम जी का, आगमन हुआ।।

लाठी, गोली, अश्रु गोले, बरसे
पर हिम्मत कभी, नही हारी
क्या-क्या न सहा, राम भक्तों ने
प्राणों की आहुति, तक दे डाली।।

पचासों वर्ष तक, चला मुकदमा
रामलला तक, पक्षकार बने
आखिर सत्य, चमक कर उभरा
निर्णय आया कि, भव्य मंदिर बने।

इतने दिनों तक, प्रभु, टेंट में बैठे
जन-जन के मन में, कसक रही
ठंडी, गर्मी और वर्षा ऋतु झेली
तब जाकर आ पाई, यह शुभ घड़ी

उच्चतम न्यायालय, के निर्णय पर
अब प्रश्न चिन्ह, मत खड़ा करो
तुम भी हो, शुभकार्य, में शामिल
इतिहास में नाम,अपना दर्ज करो।

कुछ तो अब भी, वैमनस्य पाले हैं
न जाने वे, किस गम के मारे हैं
राघव तो हमारी, नस-नस में हैं
वे जानते तो हैं, पर अस्वीकारे हैं।।

अनर्गल बातें कहने,से बाज आओ
समाज में कटुता, अब न फैलाओ
शुद्ध मन से जाकर, दर्शन कर लो
राम लला जी का,आशिर्वाद पाओ

22 जनवरी का,शुभ दिन सोमवार
हम उत्सव, फिर से मनाएंगे
दीप जलाएंगे,भोग लगाएं गे
इस दिन को, यादगार बनाएंगे।।

मन के भावों को, करके व्यक्त
केसरिया में, खुद को नहलाएंगे
जन-जन की है, यह दिल से पुकार
देश में रामराज्य, फिर लाएंगे।।

अयोध्या ही क्या, पूरा देश मगन है
झूमी धरती , झूमा, नील गगन है
ढोल,नगाड़े, की थाप पर सब नाचे
घट-घट में श्री,राम जी की लगन है

अच्छा हो, सब मिल, जश्न मनाएं
एकता के सूत्र, हम‌ बंध जाएं
हों दूजों के, सुख-दुख में शामिल
सच्चे अर्थों में, रामराज्य ला पाएं

सचमुच कितने, भाग्यशाली हैं हम
इस खास दिन के, साक्षी बन पाए
अक्षत प्रसाद, श्री दरबार से आया
निमंत्रण पत्र,उनके सखा गण लाए

ईश्वर की कृपा से,एक दिन हम भी
जन्मभूमि के दर्शन, को जाएंगे
पाकर श्री राम लला, जी के दर्शन
अपने जीवन को, सफल बनाएंगे

पाकर श्री राम लला, जी के दर्शन
अपने जीवन को, सफल बनाएंगे।

जय श्री राम
जय जय श्री राम
— नवल अग्रवाल

नवल किशोर अग्रवाल

इलाहाबाद बैंक से अवकाश प्राप्त पलावा, मुम्बई