बेटी
हंसने रोने के भाव को जग ने सीखा बेटियों से
घर को कैसे सजाया जाता सीखा बेटियों से
रंगोलियो के रंग कैसे सजाने सीखा बेटियों से
मिश्री से मीठे बोल कैसे बोलना सीखा बेटियों से
रिश्तों की परिभाषा को समाजों ने सीखा बेटियों से
पवित्र धागों के बंधन के महत्त्व को सीखा बेटियों से
होंसला धारण कर लक्ष्य को पाना सीखा बेटियों से
देश-विदेश में नाम कैसे रोशन करना सीखा बेटियों से
संस्कृति की पहचान कैसे करना सीखा बेटियों से
बड़ों का सम्मान कैसे करना सीखा बेटियों से
जब सब कुछ हमने सीखा है लाडली बेटियों से
“बेटी बचाना” होगा तभी कुछ सीख पायेंगे बेटियों से ।
— संजय वर्मा ‘दृष्टि “