कविता

बेटी 

हंसने रोने के भाव को जग ने सीखा बेटियों से 

घर को कैसे सजाया जाता  सीखा बेटियों से 

रंगोलियो के रंग कैसे सजाने सीखा बेटियों से 

मिश्री से मीठे बोल कैसे बोलना सीखा बेटियों से 

रिश्तों की परिभाषा को समाजों ने सीखा बेटियों से 

पवित्र धागों के बंधन के महत्त्व को सीखा बेटियों से

होंसला धारण कर लक्ष्य को पाना सीखा बेटियों से

देश-विदेश में नाम कैसे रोशन करना सीखा बेटियों से 

संस्कृति की पहचान कैसे करना सीखा बेटियों से 

बड़ों का सम्मान कैसे करना सीखा बेटियों से

जब सब कुछ हमने  सीखा है लाडली बेटियों से 

“बेटी बचाना” होगा तभी कुछ सीख पायेंगे बेटियों से । 

— संजय वर्मा ‘दृष्टि “

*संजय वर्मा 'दृष्टि'

पूरा नाम:- संजय वर्मा "दॄष्टि " 2-पिता का नाम:- श्री शांतीलालजी वर्मा 3-वर्तमान/स्थायी पता "-125 शहीद भगत सिंग मार्ग मनावर जिला -धार ( म प्र ) 454446 4-फोन नं/वाटस एप नं/ई मेल:- 07294 233656 /9893070756 /antriksh.sanjay@gmail.com 5-शिक्षा/जन्म तिथि- आय टी आय / 2-5-1962 (उज्जैन ) 6-व्यवसाय:- ड़ी एम (जल संसाधन विभाग ) 7-प्रकाशन विवरण .प्रकाशन - देश -विदेश की विभिन्न पत्र -पत्रिकाओं में रचनाएँ व् समाचार पत्रों में निरंतर रचनाओं और पत्र का प्रकाशन ,प्रकाशित काव्य कृति "दरवाजे पर दस्तक " खट्टे मीठे रिश्ते उपन्यास कनाडा -अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर विश्व के 65 रचनाकारों में लेखनीयता में सहभागिता भारत की और से सम्मान-2015 /अनेक साहित्यिक संस्थाओं से सम्मानित -संस्थाओं से सम्बद्धता ):-शब्दप्रवाह उज्जैन ,यशधारा - धार, लघूकथा संस्था जबलपुर में उप संपादक -काव्य मंच/आकाशवाणी/ पर काव्य पाठ :-शगुन काव्य मंच