कविता

क्या नहीं चाहिए?

जरा बता तो दो ऐ ताक़त

क्या तुम्हें इस वतन में

मजलूम नहीं चाहिए,

गरीब लाचार नहीं चाहिए,

यदि हां तो कुछ करते क्यों नहीं?

तुम्हारे कारिंदे सुधरते क्यों नहीं?

पॉवर सिर्फ पैसे, पद और कद

बढ़ाने के लिए ही नहीं है,

उनका जीवन स्तर सुधारने के लिए है

जो इसके दायरे में रहते सही हैं,

गरीबों, दलितों पर

रौब जमाने के लिए नहीं है,

कैलेंडर से पांच साल निकल जाते हैं,

पर दिल का कालापन रह जाते हैं,

बिना कुछ कहे ही बहुत कुछ कह जाते हैं,

सत्ता कुछ चंद गिरोहों का धंधा नहीं,

संविधान के सफल क्रियान्वयन का

है एक उचित जरिया, 

जहां चलना चाहिए एकमात्र नजरिया,

क्या देश का संपूर्ण विकास

संवैधानिक तरीके से संभव नहीं?

पॉवर के लिए कुछ भी असंभव नहीं।

— राजेन्द्र लाहिरी

राजेन्द्र लाहिरी

पामगढ़, जिला जांजगीर चाम्पा, छ. ग.495554