देशभक्ति
देशभक्ति
“भाई साहब, ‘द काश्मीर फाइल्स’ देख लिया आपने ?”
“नहीं जी।”
“क्यों ?”
“दरअसल मुझे फिल्म देखने का शौक ही नहीं है। इसलिए मैं आज तक कभी टॉकीज गया ही नहीं, न ही टी. व्ही. पर कभी फिल्म देखा है ?”
“इसका मतलब ये है कि आपने तिरंगा, क्रांति, बॉर्डर, गदर एक प्रेमकथा भी नहीं देखा होगा ?”
“जी बिल्कुल।”
“अरे क्या यार, तुम भी किस गद्दार, देशद्रोही से बात करने बैठ गए। लानत है इनकी ऐसी जिंदगी पर। चलों जल्दी, वर्ना पिक्चर आधी छूट जाएगी।” दूसरे साथी ने कहा और वे आगे बढ़ गए।
- डॉ. प्रदीप कुमार शर्मा
रायपुर, छत्तीसगढ़