मौसम तू…
मौसम तू कभी ‘सर’ बनकर
कभी ऋतु मेडम सा
विभिन्नताओं का संगम सा
हर बार आता
गैटप चेंज करके
मुझे लगता
तू गुरु हम सब शिष्य तेरे
स्वरूप होते दिव्य तेरे
हर पल पढ़ाता पाठ
तेरे निराले ठाठ
गृहकार्य भी देता
तू अपने अनुसार
तू करता हमें दुलार
तू मार भी लगाता
कभी कभी गलती पर
तेरे अनुसार हम पहनते
यूनिफार्म तरह तरह के
तेरे कालांश कभी खाली नहीं जाते
कभी गणित अंग्रेजी विज्ञान
कभी संस्कृत हिंदी हम पाते
तू संसार की पाठशाला का
सम्मानित टीचर है
भूत-वर्त-भविष्य का तू फीचर है
— व्यग्र पाण्डे