प्रीत सजाओ बड़े मजे से
खुशियां पाओ बड़े मजे से ,
दुख ठुकराओ बड़े मजे से।
रात नशीली बोर करे तब ,
घर जाओ जी बड़े मजे से।
बड़े सवेरे महके बगिया ,
सैर पे जाओ बड़े मजे से।
जीवन में गर दुख ना आए ,
खैर मनाओ बड़े मजे से।
छुट्टी हो तो पिकनिक जाओ ,
ख़ुशी मनाओ बड़े मजे से।
दिल से दिल को ख़ुशी मिले तो ,
प्रीत सजाओ बड़े मजे से।
जब गुस्सा हो जाए सजनी ,
हाथ जोड़ लो बड़े मजे से।
— महेंद्र कुमार वर्मा