कविता

भारत माता का गौरव गान कीजिए

आइए! भारत माता की गौरव गाथा का
पूरी ईमानदारी से निरंतर गुणगान कीजिए,
औपचारिकताओं के तराजू में
भारत माता को न तौलिए।
साथ ही एक मुफ्त की सलाह भी सुन लीजिए
भारत माता का गुणगान करने से पहले
अपने आचरण में सुधार कर लीजिए
खुद को पहले इतना काबिल बना लीजिए।
फिर भारत माता की गौरव गाथा का गान कीजिए
अपनी भारत माता का भाल नित नित ऊँचा कीजिए,
मन, कर्म, विचारों को पवित्र रखकर ही
जुबां से भारत माता का नाम लीजिए।
धर्म, जाति, क्षेत्र, भाषा की आड़ में
षड्यंत्र कर माहौल गंदा न कीजिए,
शांति, सौहार्द, भाईचारा का वातावरण
पहले सब मिलकर तैयार कीजिए।
ऊंच, नीच, अमीर, गरीब का न भेद कीजिए
निर्बल, असहायों को संबल, सहयोग दीजिए
भारत का लाल खुद को कहने से पहले
भारत माता का सम्मान करना सीखिए।
औपचारिकता निभाने की बजाय
भारत माता का गौरव बढ़ाने वाला
पहले कोई एक दो काम तो कीजिए,
फिर गर्व से भारत माता का गौरव गान कीजिए।
हर भारतवासी को अपने साथ खड़ा कीजिए
जोशोखरोश से जय हिंद वंदेमातरम् बोलिए,
भारत मां के लाल होने पर न शर्म कीजिए।
तब हम सबके साथ मिलकर आप भी
अपनी भारत माता की गौरव गाथा का
गौरवगाथा गान संग जय घोष कीजिए।
धरती से आकाश तक जयहिंद जय भारत
वंदेमातरम का उद्घोष गूंजायमान कीजिए,
सोते जागते उठते बैठते अपनी भारत माता की
गौरव गाथा का निरंतर खूब गान कीजिए,
भारत माता का लाल होने पर निश्चित गर्व कीजिए।

*सुधीर श्रीवास्तव

शिवनगर, इमिलिया गुरूदयाल, बड़गाँव, गोण्डा, उ.प्र.,271002 व्हाट्सएप मो.-8115285921