लघुकथा

थूँक पॉलिस

स्टेट सेकेंडरी एजुकेशन बोर्ड के चेयरमैन, सेक्रेटरी और डिप्टी सेक्रेटरी एजुकेशन मिनिस्टर के पास उन्हें हायर सेकेंडरी और हाईस्कूल बोर्ड परीक्षा के औपचारिक रूप से परिणाम घोषित करने के लिए आमंत्रित करने गए। मंत्री जी ने पूछा, “कितना प्रतिशत रिजल्ट आया है इस साल ?”
बोर्ड के चेयरमैन ने बताया, “हायर सेकंडरी में 38 और हाईस्कूल में 35 प्रतिशत है।”
मंत्री जी नाराजगी व्यक्त करते हुए बोले, “करते क्या हैं आपके टीचर लोग साल भर ? सी.बी.एस.ई. और आई.सी.एस.ई. बोर्ड में हर साल रिजल्ट 95 प्रतिशत से अधिक आता है। आप लोग उसका आधा भी नहीं ला पा रहे हैं। कुछ सोचा है इस विषय में।”
केबिनेट मंत्री का दर्जा प्राप्त चेयरमैन, जो कि स्वयं बमुश्किल मिडिल पास थे, अपने आई.ए.एस. सेक्रेटरी, जिनका शिक्षा और शैक्षिक तकनीक से कोई सरोकार नहीं था, की ओर देखने लगे। सेक्रेटरी महोदय अपने साथ फाइल लेकर पहुंँचे डिप्टी सेक्रेटरी, जो कि मूलतः एक लेक्चर थे और जुगाड़ लगाकर बोर्ड में डेपुटेशन पर पोस्टेड थे, का मुंह ताकने लगे।
डिप्टी सेक्रेटरी थूँक निगलते हुए बोले, “सर, हमारे यहाँ रिजल्ट डाऊन होने का सबसे बड़ा कारण हमारा पुराना परीक्षा पैटर्न है। यदि हम इसे सी.बी.एस.ई. या आई.सी.एस.ई. बोर्ड की तर्ज पर बदल दें, तो रिजल्ट परसेंटेज अपने आप बढ़ जाएगा।”
मंत्री जी ने पूछा, “सो कैसे ?”
डिप्टी सेक्रेटरी ने बताया, “सर, हम 20 प्रतिशत मार्क्स इंटर्नल असाइनमेंट, प्रोजेक्ट, प्रैक्टिकल के नाम पर रख दें, 20 प्रतिशत वस्तुनिष्ठ प्रश्न और 10 प्रतिशत प्रश्न अति लघु उत्तरीय के कर दें, तो इस पचास प्रतिशत अंक में विद्यार्थियों को स्थानीय शिक्षकों की मदद मिल जाएगी। इस प्रकार हमारा भी रिजल्ट परसेंटेज बढ़ जाएगा।”
मंत्री जी खुश होते हुए बोले, “व्हेरी गुड। तुम इस क्षेत्र में एक अच्छा-सा अध्ययन प्रतिवेदन बना लो। सेक्रेटरी साहब, आप सेकेंडरी एजुकेशन बोर्ड की ओर से एक अध्ययन दल के गठन करने का प्रस्ताव लाइए, जो कि हाई और हायर सेकंडरी स्कूल के परीक्षा पैटर्न के अध्ययन के लिए यू.एस.ए., यू.के. स्वीटजरलैंड, सिंगापुर और भारत के अन्य राज्यों का तीन महीने के भीतर भ्रमण कर अध्ययन प्रतिवेदन प्रस्तुत करेगा। इस अध्ययन दल में हम चारों के अलावा कुछ मंत्रियों और आई.ए.एस. अफसरों के नाम भी जोड़ लीजिए। इसकी सूची हम कल आपको भिजवा देंगे।”
“ओ.के. सर।” सेक्रेटरी ने कहा।
ग्यारह सदस्यीय अध्ययन दल ने कई देश और राज्यों का भ्रमण कर अपना प्रतिवेदन प्रस्तुत किया, जिसे राज्य सरकार ने लागू किया।
परीक्षा पैटर्न में बदलाव के बाद अपेक्षित परिणाम मिलने लगे।
अब छात्र, शिक्षक, अध्यापक, सरकार सभी खुश हैं।

— डॉ. प्रदीप कुमार शर्मा

*डॉ. प्रदीप कुमार शर्मा

नाम : डॉ. प्रदीप कुमार शर्मा मोबाइल नं. : 09827914888, 07049590888, 09098974888 शिक्षा : एम.ए. (हिंदी, राजनीति, शिक्षाशास्त्र), बी.एड., एम.लिब. एंड आई.एससी., (सभी परीक्षाएँ प्रथम श्रेणी से उत्तीर्ण), पीएच. डी., यू.जी.सी. नेट, छत्तीसगढ़ टेट लेखन विधा : बालकहानी, बालकविता, लघुकथा, व्यंग्य, समीक्षा, हाइकू, शोधालेख प्रकाशित पुस्तकें : 1.) सर्वोदय छत्तीसगढ़ (2009-10 में छत्तीसगढ़ शासन द्वारा राज्य के सभी सरकारी हाई एवं हायर सेकेंडरी स्कूलों में 1-1 प्रति नि: शुल्क वितरित) 2.) हमारे महापुरुष (2010-11 में छत्तीसगढ़ शासन द्वारा राज्य के सभी सरकारी स्कूलों में 10-10 प्रति नि: शुल्क वितरित) 3.) प्रो. जयनारायण पाण्डेय - चित्रकथा पुस्तक (2010-11 में छत्तीसगढ़ शासन द्वारा राज्य के सभी सरकारी स्कूलों में 1-1 प्रति नि: शुल्क वितरित) 4.) गजानन माधव मुक्तिबोध - चित्रकथा पुस्तक (2010-11 में छत्तीसगढ़ शासन द्वारा राज्य के सभी सरकारी स्कूलों में 1-1 प्रति नि: शुल्क वितरित) 5.) वीर हनुमान सिंह - चित्रकथा पुस्तक (2010-11 में छत्तीसगढ़ शासन द्वारा राज्य के सभी सरकारी स्कूलों में 1-1 प्रति नि: शुल्क वितरित) 6.) शहीद पंकज विक्रम - चित्रकथा पुस्तक (2010-11 में छत्तीसगढ़ शासन द्वारा राज्य के सभी सरकारी स्कूलों में 1-1 प्रति नि: शुल्क वितरित) 7.) शहीद अरविंद दीक्षित - चित्रकथा पुस्तक (2010-11 में छत्तीसगढ़ शासन द्वारा राज्य के सभी सरकारी स्कूलों में 1-1 प्रति नि: शुल्क वितरित) 8.) पं.लोचन प्रसाद पाण्डेय - चित्रकथा पुस्तक (2010-11 में छत्तीसगढ़ शासन द्वारा राज्य के सभी सरकारी स्कूलों में 1-1 प्रति नि: शुल्क वितरित) 9.) दाऊ महासिंग चंद्राकर - चित्रकथा पुस्तक (2010-11 में छत्तीसगढ़ शासन द्वारा राज्य के सभी सरकारी स्कूलों में 1-1 प्रति नि: शुल्क वितरित) 10.) गोपालराय मल्ल - चित्रकथा पुस्तक (2010-11 में छत्तीसगढ़ शासन द्वारा राज्य के सभी सरकारी स्कूलों में 1-1 प्रति नि: शुल्क वितरित) 11.) महाराज रामानुज प्रताप सिंहदेव - चित्रकथा पुस्तक (2010-11 में छत्तीसगढ़ शासन द्वारा राज्य के सभी सरकारी स्कूलों में 1-1 प्रति नि: शुल्क वितरित) 12.) छत्तीसगढ रत्न (जीवनी) 13.) समकालीन हिन्दी काव्य परिदृश्य और प्रमोद वर्मा की कविताएं (शोधग्रंथ) 14.) छत्तीसगढ के अनमोल रत्न (जीवनी) 15.) चिल्हर (लघुकथा संग्रह) 16.) संस्कारों की पाठशाला (बालकहानी संग्रह) 17.) संस्कारों के बीज (लघुकथा संग्रह) अब तक कुल 17 पुस्तकों का प्रकाशन, 80 से अधिक पुस्तकों एवं पत्रिकाओं का सम्पादन. अनेक पत्र-पत्रिकाओं का सम्पादक मण्डल सदस्य. मेल पता : [email protected] डाक का पता : डॉ. प्रदीप कुमार शर्मा, विद्योचित/लाईब्रेरियन, छत्तीसगढ़ पाठ्यपुस्तक निगम, ब्लाक-बी, ऑफिस काम्प्लेक्स, सेक्टर-24, अटल नगर, नवा रायपुर (छ.ग.) मोबाइल नंबर 9827914888