लघुकथा

राहत के दीये

“मंगलू भाई, अब की तो चाँदी है आप लोगों की। इस बार खूब बिकेंगे तुम्हारे हाथ से बने मिट्टी के दीये।” नगर निगम के बड़े बाबू ने मंगलू कुम्हार को बधाई देते हुए कहा।
“अच्छा साहब, क्या इस बार सरकार खुद खरीद कर लोगों को बाँटने वाली है ?” मंगलू ने जिज्ञासापूर्वक पूछा।
“अरे नहीं मंगलू, सरकार खुद तो नहीं खरीदेगी, पर हमारे लोकप्रिय मुख्यमंत्री साहब ने चिट्ठी लिखकर सभी कलेक्टरों से कहा है कि भारतीय संस्कृति के अनुरूप दिवाली पर मिट्टी के दीये के उपयोग को प्रोत्साहित किया जाए। सभी कलेक्टर ने अपने अधीनस्थ कार्यालय को भी लिखा है। इस बार मिट्टी के दीये बेचने वालों से किसी भी तरह के कर की वसूली भी नहीं की जाएगी। अब सभी लोग मिट्टी के दीये खरीदेंगे। आदेश के मुताबिक़ इस बात का विशेष ध्यान रखा जाएगा कि मिट्टी के दीये बेचने वालों को कोई दिक्कत न हो।” बड़े बाबू ने कहा।
“अच्छा, ये तो बहुत खुशी की बात है। पर आपको क्या लगता है साहब, लोग चाइनीज दीये को छोड़कर मिट्टी के दीये खरीदेंगे ?” मंगलू आदेश के परिपालन के संबंध में आशंकित था।
“क्यों नहीं खरीदेंगे मंगलू भाई, जब सरकारी आदेश है, तो खरीदना ही पड़ेगा। अच्छा, तू तो एक काम कर। एक थैले में बढ़िया वाला एक सौ एक दीये निकाल दे। इस खुशी के मौके पर तुम्हारी ओर से भी कमिश्नर साहब के लिए कुछ तो जिम्मेदारी बनती है न।” बड़े बाबू अपने चिर-परिचित अंदाज में बोले।
मंगलू एक थैले में छाँट-छाँटकर दीये भर रहा था, बड़े बाबू के चेहरे की कुटिल मुस्कान उससे छुपी न थी।
वह जानता था कि इनकार का मतलब वह इस शहर में कुछ भी बेचने के लायक नहीं रहेगा।
— डॉ. प्रदीप कुमार शर्मा

*डॉ. प्रदीप कुमार शर्मा

नाम : डॉ. प्रदीप कुमार शर्मा मोबाइल नं. : 09827914888, 07049590888, 09098974888 शिक्षा : एम.ए. (हिंदी, राजनीति, शिक्षाशास्त्र), बी.एड., एम.लिब. एंड आई.एससी., (सभी परीक्षाएँ प्रथम श्रेणी से उत्तीर्ण), पीएच. डी., यू.जी.सी. नेट, छत्तीसगढ़ टेट लेखन विधा : बालकहानी, बालकविता, लघुकथा, व्यंग्य, समीक्षा, हाइकू, शोधालेख प्रकाशित पुस्तकें : 1.) सर्वोदय छत्तीसगढ़ (2009-10 में छत्तीसगढ़ शासन द्वारा राज्य के सभी सरकारी हाई एवं हायर सेकेंडरी स्कूलों में 1-1 प्रति नि: शुल्क वितरित) 2.) हमारे महापुरुष (2010-11 में छत्तीसगढ़ शासन द्वारा राज्य के सभी सरकारी स्कूलों में 10-10 प्रति नि: शुल्क वितरित) 3.) प्रो. जयनारायण पाण्डेय - चित्रकथा पुस्तक (2010-11 में छत्तीसगढ़ शासन द्वारा राज्य के सभी सरकारी स्कूलों में 1-1 प्रति नि: शुल्क वितरित) 4.) गजानन माधव मुक्तिबोध - चित्रकथा पुस्तक (2010-11 में छत्तीसगढ़ शासन द्वारा राज्य के सभी सरकारी स्कूलों में 1-1 प्रति नि: शुल्क वितरित) 5.) वीर हनुमान सिंह - चित्रकथा पुस्तक (2010-11 में छत्तीसगढ़ शासन द्वारा राज्य के सभी सरकारी स्कूलों में 1-1 प्रति नि: शुल्क वितरित) 6.) शहीद पंकज विक्रम - चित्रकथा पुस्तक (2010-11 में छत्तीसगढ़ शासन द्वारा राज्य के सभी सरकारी स्कूलों में 1-1 प्रति नि: शुल्क वितरित) 7.) शहीद अरविंद दीक्षित - चित्रकथा पुस्तक (2010-11 में छत्तीसगढ़ शासन द्वारा राज्य के सभी सरकारी स्कूलों में 1-1 प्रति नि: शुल्क वितरित) 8.) पं.लोचन प्रसाद पाण्डेय - चित्रकथा पुस्तक (2010-11 में छत्तीसगढ़ शासन द्वारा राज्य के सभी सरकारी स्कूलों में 1-1 प्रति नि: शुल्क वितरित) 9.) दाऊ महासिंग चंद्राकर - चित्रकथा पुस्तक (2010-11 में छत्तीसगढ़ शासन द्वारा राज्य के सभी सरकारी स्कूलों में 1-1 प्रति नि: शुल्क वितरित) 10.) गोपालराय मल्ल - चित्रकथा पुस्तक (2010-11 में छत्तीसगढ़ शासन द्वारा राज्य के सभी सरकारी स्कूलों में 1-1 प्रति नि: शुल्क वितरित) 11.) महाराज रामानुज प्रताप सिंहदेव - चित्रकथा पुस्तक (2010-11 में छत्तीसगढ़ शासन द्वारा राज्य के सभी सरकारी स्कूलों में 1-1 प्रति नि: शुल्क वितरित) 12.) छत्तीसगढ रत्न (जीवनी) 13.) समकालीन हिन्दी काव्य परिदृश्य और प्रमोद वर्मा की कविताएं (शोधग्रंथ) 14.) छत्तीसगढ के अनमोल रत्न (जीवनी) 15.) चिल्हर (लघुकथा संग्रह) 16.) संस्कारों की पाठशाला (बालकहानी संग्रह) 17.) संस्कारों के बीज (लघुकथा संग्रह) अब तक कुल 17 पुस्तकों का प्रकाशन, 80 से अधिक पुस्तकों एवं पत्रिकाओं का सम्पादन. अनेक पत्र-पत्रिकाओं का सम्पादक मण्डल सदस्य. मेल पता : [email protected] डाक का पता : डॉ. प्रदीप कुमार शर्मा, विद्योचित/लाईब्रेरियन, छत्तीसगढ़ पाठ्यपुस्तक निगम, ब्लाक-बी, ऑफिस काम्प्लेक्स, सेक्टर-24, अटल नगर, नवा रायपुर (छ.ग.) मोबाइल नंबर 9827914888