पद-टप्पे
1
पोता राजा अम्बर का,
सुन लो जग वालो,
पोती दीपक मन्दिर का।
2
सूरज जब आएगा,
घर के आंगन में,
पोता फेरा पाएगा।
3
ढाल बने तलवार बने,
जान उस को देनी,
जो दुख में यार बने।
4
उम्रों की निशानी दे,
और नहीं मांगते,
हमें एक कहानी दे।
5
मोह ममता की विहवलता,
बाया से सीख जा कर,
घोंसले की सृजनता।
6
तारे चांद से रहते हैं,
इस परिभाषा को,
बालम मित्र कहते हैं।
— बलविंदर बालम