बाॅंटो दिल से प्यार
उगता हर दिन सूर्य ज्यों, ऐसे उठिये आप।
मन से कसरत कीजिए , करो नहा के जाप।।
उगता हर दिन सूर्य ज्यों, करो शत शत प्रणाम।
वर मांगो उस ईश से, करिये नित शुभ काम।।
उगता हर दिन सूर्य ज्यों, करें जग में प्रकाश।
अपने तुम शुभ कर्म से, करो पाप का नाश।।
उगता हर दिन सूर्य ज्यों, हरता सब अंधेर।
अपने ही सद्भाव से , दुर्जन के मन फेर।।
उगता हर दिन सूर्य ज्यों, करें पुलकित शरीर।
चलो करें शुभ कर्म को, बन जाए तकदीर।।
उगता हर दिन सूर्य ज्यों, चिड़ियां गाती गान।
शीश झुकाओ ईश को, गाओ प्रभु गुणगान।।
उगता हर दिन सूर्य ज्यों, बहती सर्द बयार।
शीतल मन तुम भी करो, बाॅंटो दिल से प्यार।।
— शिव सन्याल