कांग्रेस का घोषणा पत्र बनेगा उसके ताबूत की आखिरी कील
लोकसभा चुनाव 2024 की अन्य तैयारियों कांग्रेस में भले ही पिछड़ गयी हो किंतु 48 पृष्ठों, 10 न्याय, 25 गारंटी के बड़े वादों के साथ उसने अपना चुनावी घोषणापत्र लगभग समय से जारी कर दिया। पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडगे द्वारा जारी इस घोषणापत्र ने कांग्रेस को पूरी तरह से बेनकाब कर दिया है। विपक्ष के रूप में कांग्रेस का दस वर्ष का कार्यकाल सनातन विरोधी रहा और घोषणापत्र ने पार्टी के सनातन विरोधी होने पर अंतिम मोहर लगा दी । वर्तमान कांग्रेस के नेता जो मोहब्बत की दुकान खोलने का दावा करते हैं वस्तुतः भगवान राम व सनातन हिंदू समाज के प्रति नफरत से भरे हुए हैं। अदालत में भगवान राम को काल्पनिक कहने वाली पार्टी ने स्वाभाविक रूप से अयोध्या में दिव्य भव्य एवं नव्य राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा समारोह का बहिष्कार किया और लगातार या तो स्वयं सनातन विरोधी बयानबाजी की या सनातन विरोधियों को मंच और समर्थन दिया । मोहब्बत के नाम पर सनातन के विरुद्ध नफरत का कारोबार करने वाली कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र को ‘न्याय पत्र’ का नाम दिया है।
कांग्रेस ने स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद से लगभग 55 साल तक अकेले शासन किया और वह भी लगभग एक ही परिवार के नेतृत्व में पहले नेहरू जी फिर इंदिरा जी और इंदिरा गांधी जी की हत्या के बाद उपजी सहानुभूति के बल पर राजीव गांधी देश के प्रधानमंत्री बन गये, 2004 से 2014 की कांग्रेस सरकार भी परोक्ष रूप से गाँधी परिवार के हाथ में ही थी किंतु यह लोग न तो देश का विकास कर पाये और न ही किसी के साथ न्याय कर पाने में सफल हुए । कांग्रेस का गरीबी हटाओ का नारा एक बहुत बड़ा धोखा साबित हुआ और उसकी आड़ में बड़े- बड़े घोटाले होते गये। बीच में आए वी.पी. सिंह, देवगौड़ा, इंद्र कुमार गुजराल सरीखे नेता भी कांग्रेस के गर्भ से ही निकले हुए और उसी परिपाटी पर चले। आज जब देश को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एक सशक्त नेतृत्व मिला है जिनके कार्यकाल में भारत सशक्त हो रहा है और पूरे विश्व में भारत का डंका बज रहा है कांग्रेस निराशा, हताशा व कुंठा से ग्रस्त न्याय पत्र लेकर आई है।
कांग्रेस पार्टी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तानाशाही का आरोप लगा रही है और बयान दे रही है कि अगर मोदी जी तीसरी बार 400 सीटों के साथ देश के प्रधानमंत्री बन गये तो भारत में लोकतंत्र समाप्त हो जाएगा, संविधान समाप्त हो जाएगा, आरक्षण समाप्त हो जाएगा जबकि वास्तविकता यह है कि कांग्रेस ने जो घोषणापत्र जारी किया है वह स्वयं ही कठघरे में है और स्पष्ट करता है कि कांग्रेस की नीयत अच्छी नही है। कांग्रेस ने अपने घोषणापत्र में जो वादे किये हैं वे भारत व सनातन हिंदू समाज में विभेद बढ़ाने के लिए किये गये हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस के घोषणापत्र पर टिप्पणी करते हुए इसे मुस्लिम लीग की विचारधारा से प्रेरित बताया और जो हिस्सा मुस्लिम लीग से बचा है उसमें वामपंथी हावी हैं। कांग्रेस का घोषणापत्र केवल मुसलमानों का तुष्टिकरण करने वाला और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व उनके द्वारा किए गए सभी कार्यों के प्रति नफरत और हीन भावना से भरा हुआ है। कांग्रेस पार्टी के घोषणापत्र में भारत को विकसित राष्ट्र बनाने का कोई रोडमैप नहीं है।
कांग्रेस के घोषणापत्र से यह बात भी साफ हो गयी ही है अब उसने संविधान निर्माता बाबासाहेब अम्बेडकर, श्रीमती इंदिरा गांधी और राजीव गांधी के विचारों का भी परित्याग कर दिया है। एक समय में, “ जात पर न पात पर, मोहर लगेगी हाथ पर” का नारा देने वाली कांग्रेस सत्ता में ने आने पर जातिगत जनगणना कराने का वादा कर रही है। कांग्रेस के जातिगत जनगणना और आरक्षण सीमा बढ़ाने के इस मुद्दे की हवा पार्टी के ही नेता आनंद शर्मा ने ही निकाल दी है। कांग्रेस नेता आनंद शर्मा का कहना है कि श्रीमती इंदिरा गांधी और राजीव गांधी ने जातिगत जनगणना के विचार को खारिज कर दिया था कर दिया था । अंग्रेजों के समय में भी जातिगत जनगणना का विरोध किया गया था और उसे राष्ट्रीय हितों के विपरीत माना गया था। आज कांग्रेस वामपंथी विचारधारा से ग्रस्त होकर जातिगत जनगणना की बात कह रही है।
मुस्लिम तुष्टिकरण की चरम सीमा को पार कर रही कांग्रेस
कांग्रेस अपने घोषणा पत्र में मुस्लिम तुष्टिकरण की चरम सीमा पार कर गई है। यह घोषणापत्र हिंदू समाज को चेतावनी जारी कर रहा है। कांग्रेस के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने एक बार लाल किले से दिए गए अपने भाषण में कहा था, “भारत के संसाधनों पर पहला अधिकार अल्पसंख्यकों का है और उसी दिन से कांग्रेस का पतन प्रारम्भ हो गया था। अब कांग्रेस ने एक बार फिर केवल मुस्लिम हितों का ध्यान रखते हुए घोषणापत्र जारी किया है। कांग्रेस का कहना है कि वह भारत में अल्पसंख्यकों के अधिकारों को बनाये रखने और उनकी रक्षा करने के लिए प्रतिबद्ध है। इसके साथ कांग्रेस ने मुस्लिम समाज से कुछ ऐसे वादे भी किए हैं जिनसे यह साफ हो गया है कि अब कांग्रेस पर मुस्लिम लीग की पूरी छाया है।
कांग्रेस ने जम्मू कश्मीर में धारा 370 बहाल करने, तीन तलाक बिल रद्द करने, संविधान के अनुच्छेद 15,16, 25, 28, 29 और 30 का जिस प्रकार आदर करने का वादा किया है वह डरावना है। मुस्लिम तुष्टिकरण को व्यापक करने के लिए सुप्रीम कोर्ट में मुसलमान जजों की संख्या में वृद्धि करने सहित सार्वजनिक स्थलों पर हिजाब-बुर्का पहनने और गोमांस खाने की छूट देने का भी वादा किया है। कांग्रेस ने मुसलमान छात्रों के लिए छात्रवृत्ति योजना को बढ़ाने का भी वादा किया है। ऐसा प्रतीत हो रहा है कि कांग्रेस जमात -ए- इस्लामी, लश्कर ए तैयबा, अल कायदा की राह पर चलने वाली है, पार्टी हमास के समर्थन में प्रस्ताव पारित कर रही हैं। सरकारी और निजी नौकरियों में मुसलमानों के लिए सच्चर कमेटी की रिपोर्ट को लागू करने की बात भी कांग्रेस ने दोहराया है। कांग्रेस के घोषणापत्र से स्पष्ट है कि अगर गलती से भी उसकी सरकार आ गयी तो याकूब मेमन को फांसी नहीं होगी और बुरहान बानी जैसे आतंकवादी का एनकाउंटर नहीं हो सकेगा और तो और हर घर तिरंगा भी नहीं फहर पाएगा। कांग्रेस के घोषणापत्र में मुसलमानों के खिलाफ किसी प्रकार के भाषणों को रोकने के लिए एक अलग कानून प्रस्तावित है। स्मरण रखना चाहिए कि मनमोहन सिंह के नेतृत्व पिछली कांग्रेस सरकार ने सांप्रदायिक हिंसा से जुड़ा एक कानून लाने का प्रयास किया था जो परोक्ष रूप से हिन्दुओं को नष्ट करने के लिए था कांग्रेस ने अपना वह पापी इरादा फिर जाहिर किया है।
कांग्रेस ने अपने घोषणापत्र के माध्यम से हिंदू समाज व संस्कृति को पूरी तरह से समाप्त करने का बंदोबस्त कर रखा है, उसने वादा किया है कि समलैंगिक विवाह को पूरी तरह से मान्यता दी जाएगी। कांग्रेस ने युवाओं, महिलाओं के साथ जो वादे किये हैं वह केवल झूठ का पुलिंदा भर है, क्योंकि उसने इन वादों को पूरा करने का कोई रोडमैप नहीं बताया है। इसके अलावा भारत जोड़ो यात्रा से लेकर न्याय यात्रा तक राहुल गांधी जिन मुद्दों को उठाते रहे हैं उनका भी समावेश इस घोषणापत्र में किया गया है। कांग्रेस ने नोटबंदी, राफेल व इलेक्टोरल बांड की जांच करवाने को भी कहा है जिसमें वह कानूनी दृष्टिकोण से पहले ही विफल हो चुकी है।
कांग्रेस के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे जनसभा में धारा 370 को धारा 371 बताते हुए बोल रहे हैं कि राजस्थान के लोगों को जम्मू कश्मीर से क्या मतलब? यहीं से भारतीय जनमानस को कांग्रेस से सतर्क हो जाना चाहिए। वर्तमान कांग्रेस केवल उत्तर को दक्षिण से पूर्व को पश्चिम से लड़ा सकती है, वोट बैंक के लालच में सनातन को अपमानित कर सकती है, देश पर लीगी मानसिकता वाले कानून लाद सकती है, भ्रष्टाचार कर सकती है। भारत, भारतीय और भारतीयता से उसका दूर दूर तक कोई सम्बन्ध नहीं है अच्छा होगा कि इन आम चुनावों के परिणाम आने पर इस कांग्रेस का कोई नाम लेवा ना बचे ।
— मृत्युंजय दीक्षित