किराये की गोद
भौतिकता के दौर में
सुविधाएं तो सब जोड़ दीं
पर बच्चों से
माँ की गोद छीन ली
पाल रही उनको
पैसे की खरीदी गोदें
न ममता का आँचल है
न ही उन पर बरसा
लाड़ और प्यार
कैसे जागेगी उसकी संवेदनायें
कैसे पायेगा वह अच्छे संस्कार
भौतिकता के दौर में
सुविधाएं तो सब जोड़ दीं
पर बच्चों से
माँ की गोद छीन ली
पाल रही उनको
पैसे की खरीदी गोदें
न ममता का आँचल है
न ही उन पर बरसा
लाड़ और प्यार
कैसे जागेगी उसकी संवेदनायें
कैसे पायेगा वह अच्छे संस्कार