दिल की बात
तू वो लिख
जिसे लिखने में
लोग संकोच करते हैं
जो तेरा दिल कहे
तू बस वही लिख
तुझे किसका है डर
दिल की बात लिख
अगर तू नहीं लिखता
जो दिल तेरा कहता
तो तू फिर कोई लेखक नहीं
कवि नहीं
एक व्यापारी है
जो बेच रहा अपनी कलम
पैसे के लिए
तू वो लिख
जिसे लिखने में
लोग संकोच करते हैं
जो तेरा दिल कहे
तू बस वही लिख
तुझे किसका है डर
दिल की बात लिख
अगर तू नहीं लिखता
जो दिल तेरा कहता
तो तू फिर कोई लेखक नहीं
कवि नहीं
एक व्यापारी है
जो बेच रहा अपनी कलम
पैसे के लिए