आज बने हम भाग्य विधाता
काम काज सब छोंडो भाई
ऋतु देखो मतदान की आई
आओ छोटकी बड़की आओ
लोक तंत्र मजबूत बनाओ
दादा काका तुम सभी चलो
घड़ी अपने सम्मान की आई
तेज धूप को टक्कर देंगे
वोट हम सभी डटकर देगें
आज बने हम भाग्य विधाता
निशा अपने परवान की आई
कंधे से कंधा चलो मिलाकर
लौटो तुम सरकार बनाकर
कायम ‘‘राज’’ करो सब अपना
बहार आज वीरान में आई
राजकुमार तिवारी ‘‘राज’’
बाराबंकी, उ0प्र0