ताकत
ताकत से होती नहीं, कभी जीत या हार ,
मगर हौसले के बिना , ताकत है बेकार।
अक्कल के आधीन है , हरदम ताकत यार,
ताकत लाठी में नहीं , होत कभी सरकार।
ताकत हरदम ही रहा , बुद्धिमान का दास ,
लाठी जिसके हाथ थी , भैंस उसी के पास।
समय अगर अच्छा रहे ,किस्मत भी हो साथ,
ताकत से फिर जीत लो ,दौलत हाथों हाथ।
— महेंद्र कुमार वर्मा