परिणाम
बच्चों की तरह इंतजार करते है चुनाव के नतीजों का. जिस प्रकार बच्चा पेपर देता है और उसके दिल मैं डर रहता है कहीं फेल न हो जाऊं, उसी प्रकार नेता जी सोचते हैं कि हार गया तो कुर्सी चली जाएंगी। कुर्सी के जाते ही जो बची खुची इज्ज़त वो भी खत्म हो जाएंगी। सुरेश जी आपका ज़बाब नहीं क्या उदाहरण देकर समझाते हैं।
राम जी ने कहा।अब तो मुझे भी इंतजार है।देखना है क्या होता है। कितने पार जाते हैं। कितने डूब जाते हैं।
हां राम जी मुझे भी इंतजार है. चलो अब घर चलते हैं। वरना हमें आज भी ठंडा खाना खाने मिलेगा। अगर देर हो गई तो।
— अभिषेक जैन