गौतम बुद्ध*
कोटि – कोटि नमन है, बुध्द तुमको
सुख-शांति-सहनशीलता दो सबको ।
अहिंसा परमों धर्म बन जाएं सबका
स्वच्छ स्वस्थ बना दो सबके तन को ।।
दूषित वातावरण को कर दो शुध्द
दूषित विचारों का बंद करों युध्द ।
शांत – प्रकृति और सफलता दो
सबके मन में बस जाएं भगवान बुध्द ।।
खुशबू से महका दो अपने वतन को
तथागत बन फिर समझा दो जन को ।
दीन -दुखियों की सेवा करें हम सर्वदा
हे तथागत, ऐसा बना दो हमारे मन को ।।
— गोपाल कौशल भोजवाल