कविता

सिध्दार्थ से बुद्ध

घर से  निकले  सिद्धार्थ 

राजपाठ का छोड़ स्वार्थ ।

बोधिसत्य की  खोज  में

दिया संदेश करों परमार्थ ।।

सिध्दार्थ से बुद्ध हो गए

बौद्ध धर्म से शुद्ध हो गए ।

बोधि वृक्ष  की छाया बैठे 

ज्ञानी  घट प्रबुद्ध  हो गए ।।

बुद्ध के पंचशील संदेश 

करे जो दूर बुराई का वेश । 

विश्वभर में भरें सुख-शांति

हरें वे मानवता के क्लेश ।।

— गोपाल कौशल भोजवाल

गोपाल कौशल "भोजवाल"

नागदा जिला धार मध्यप्रदेश 99814-67300