अंतिम छाया
बीते हुए वक्त में
बीता हुआ
हर लम्हा याद आएगा।
बन गई है जो जगह
आपके हृदय में
वो बीता हुआ
हर कल और
आज याद आएगा।
मुक्त हो जाएगे
इस जहाँ से एक दिन
और छुप जाएगे
आपके हृदय की ओट में।
फिर भी आपको
हर जगह हर वक़्त
हमारा साथ याद आएगा।
उड़ जाऊंगा
क्षितिज पार भी एक दिन
और संग आपने
बिताया हर लम्हा
हर याद ले जाऊंगा।
— डॉ. राजीव डोगरा