स्वास्थ्य

मोबाइल रेडिएशन एक गंभीर समस्या है

मोबाइल के अत्यधिक उपयोग से सिरदर्द, थकान, और नींद की समस्याएं हो सकती हैं।
मोबाइल रेडिएशन के घातक प्रभाव हो सकते हैं
कैंसर, मोबाइल रेडिएशन से कैंसर होने का खतरा बढ़ सकता है।
न्यूरोलॉजिकल समस्याएं, मोबाइल रेडिएशन से मस्तिष्क और तंत्रिका तंत्र की समस्याएं हो सकती हैं।
हृदय समस्याएं, मोबाइल रेडिएशन से हृदय की समस्याएं हो सकती हैं।
प्रजनन समस्याएं, मोबाइल रेडिएशन से प्रजनन क्षमता पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।
नींद की समस्याएं, मोबाइल रेडिएशन से नींद की समस्याएं हो सकती हैं।मोबाइल रेडिएशन के कारण,मोबाइल का अत्यधिक उपयोग,मोबाइल की खराब क्वालिटी,मोबाइल टावर की निकटता।वाई-फाई और ब्लूटूथ का उपयोग।
मोबाइल रेडिएशन से बचने के लिए,
मोबाइल का उपयोग सीमित करें।मोबाइल को दूर रखें।हेडफ़ोन या स्पीकरफ़ोन का उपयोग करें।मोबाइल कवर या शील्ड का उपयोग करें।वाई-फाई और ब्लूटूथ को बंद रखें।मोबाइल टावर से दूर रहें।नियमित रूप से मोबाइल की जांच करें।मोबाइल के लिए एंटी-रेडिएशन सॉफ़्टवेयर का उपयोग करें।
हम मोबाइल के आदि हो गए हैं।
आजकल के जीवन में मोबाइल का उपयोग बहुत अधिक हो गया है। हम मोबाइल के बिना जीवन की कल्पना नहीं कर सकते हैं। लेकिन इसके लिए हमें सावधानी बरतनी चाहिए और मोबाइल का उपयोग सीमित करना चाहिए.
मोबाइल रेडिएशन के बारे में विस्तार से समझने के लिए, आइए इसके विभिन्न पहलुओं पर चर्चा करें।मोबाइल रेडिएशन क्या है?
मोबाइल रेडिएशन एक प्रकार का इलेक्ट्रोमैग्नेटिक रेडिएशन है, जो मोबाइल फ़ोन और अन्य वायरलेस डिवाइसेस से उत्पन्न होता है। यह रेडिएशन रेडियो फ्रीक्वेंसी (RF) के रूप में होता है, जो हवा में तरंगों के रूप में फैलता है.
मोबाइल रेडिएशन के मुख्य स्रोत हैं
मोबाइल फ़ोन,मोबाइल टावर,वाई-फाई, राउटर,ब्लूटूथ डिवाइसेस,माइक्रोवेव ओवन
पुनः आपको बतादें कि मोबाइल रेडिएशन के प्रभावों में शामिल हैं,कैंसर,न्यूरोलॉजिकल समस्याएं,हृदय समस्याएं,प्रजनन समस्याएं,नींद की समस्याएं,मानसिक तनाव,याददाश्त की समस्याएं।
विभिन्न देशों की सरकारें मोबाइल रेडिएशन के लिए दिशानिर्देश जारी करती हैं:

  1. भारत में मोबाइल रेडिएशन के लिए सरकारी दिशानिर्देश हैं कि मोबाइल फ़ोन की SAR (स्पेसिफिक एब्जॉर्प्शन रेट) 1.6 वाट/किलोग्राम से अधिक नहीं होनी चाहिए.
  2. यूरोपीय संघ में मोबाइल रेडिएशन के लिए सरकारी दिशानिर्देश हैं कि मोबाइल फ़ोन की SAR 2.0 वाट/किलोग्राम से अधिक नहीं होनी चाहिए.
    मोबाइल रेडिएशन एक गंभीर समस्या है, जिसके लिए हमें सावधानी बरतनी चाहिए। मोबाइल का उपयोग सीमित करना, मोबाइल को दूर रखना, और वाई-फाई और ब्लूटूथ को बंद रखना कुछ तरीके हैं जिनसे हम मोबाइल रेडिएशन से बच सकते हैं।
    मोबाइल रेडिएशन को आम जन को समझाने के लिए निम्नलिखित तरीकों का उपयोग किया जा सकता है:
  3. सरल भाषा में समझाएं: मोबाइल रेडिएशन के बारे में समझाने के लिए सरल और आसान भाषा का उपयोग करें।
  4. उदाहरण दें: मोबाइल रेडिएशन के प्रभावों को समझाने के लिए उदाहरण दें, जैसे कि मोबाइल के अत्यधिक उपयोग से सिरदर्द, थकान, और नींद की समस्याएं हो सकती हैं।
  5. चित्रों का उपयोग करें: मोबाइल रेडिएशन के बारे में चित्रों का उपयोग करके समझाएं, जैसे कि मोबाइल से निकलने वाली तरंगें और उनके प्रभाव।
  6. वीडियो का उपयोग करें: मोबाइल रेडिएशन के बारे में वीडियो दिखाकर समझाएं, जिसमें विशेषज्ञों की राय और शोध के परिणाम शामिल हों।
  7. सामान्य ज्ञान का उपयोग करें: मोबाइल रेडिएशन के बारे में सामान्य ज्ञान का उपयोग करके समझाएं, जैसे कि मोबाइल के उपयोग से कैंसर होने का खतरा बढ़ सकता है।
  8. सुरक्षा उपायों के बारे में बताएं: मोबाइल रेडिएशन से बचने के लिए सुरक्षा उपायों के बारे में बताएं, जैसे कि मोबाइल का उपयोग सीमित करना, मोबाइल को दूर रखना, और वाई-फाई और ब्लूटूथ को बंद रखना।
  9. स्थानीय भाषा में समझाएं: मोबाइल रेडिएशन के बारे में स्थानीय भाषा में समझाएं, जिससे लोगों को आसानी से समझ में आए।
  10. प्रदर्शनी और कार्यक्रम आयोजित करें: मोबाइल रेडिएशन के बारे में प्रदर्शनी और कार्यक्रम आयोजित करें, जिसमें विशेषज्ञों की राय और शोध के परिणाम शामिल हों।
    कुछ उदाहरण जो आप आम जन को समझाने के लिए उपयोग कर सकते हैं:
  • मोबाइल रेडिएशन के प्रभावों को समझाने के लिए एक उदाहरण: “मोबाइल के अत्यधिक उपयोग से आपको सिरदर्द, थकान, और नींद की समस्याएं हो सकती हैं।”
  • मोबाइल रेडिएशन के बारे में एक सरल वाक्य: “मोबाइल रेडिएशन एक प्रकार का विकिरण है, जो मोबाइल फ़ोन और अन्य वायरलेस डिवाइसेस से निकलता है।”
  • मोबाइल रेडिएशन से बचने के लिए एक सुझाव: “मोबाइल का उपयोग सीमित करें और मोबाइल को दूर रखें ताकि आप मोबाइल रेडिएशन से बच सकें।”
    इन तरीकों का उपयोग करके, आप आम जन को मोबाइल रेडिएशन के बारे में आसानी से समझा सकते हैं।

— डॉ. मुश्ताक़ अहमद शाह सहज़

डॉ. मुश्ताक़ अहमद शाह

वालिद, अशफ़ाक़ अहमद शाह, नाम / हिन्दी - मुश्ताक़ अहमद शाह ENGLISH- Mushtaque Ahmad Shah उपनाम - सहज़ शिक्षा--- बी.कॉम,एम. कॉम , बी.एड. फार्मासिस्ट, होम्योपैथी एंड एलोपैथिक मेडिसिन आयुर्वेद रत्न, सी.सी. एच . जन्मतिथि- जून 24, जन्मभूमि - ग्राम बलड़ी, तहसील हरसूद, जिला खंडवा , कर्मभूमि - हरदा व्यवसाय - फार्मासिस्ट Mobile - 9993901625 email- [email protected] , उर्दू ,हिंदी ,और इंग्लिश, का भाषा ज्ञान , लेखन में विशेष रुचि , अध्ययन करते रहना, और अपनी आज्ञानता का आभाष करते रहना , शौक - गीत गज़ल सामयिक लेख लिखना, वालिद साहब ने भी कई गीत ग़ज़लें लिखी हैं, आंखे अदब तहज़ीब के माहौल में ही खुली, वालिद साहब से मुत्तासिर होकर ही ग़ज़लें लिखने का शौक पैदा हुआ जो आपके सामने है, स्थायी पता- , मगरधा , जिला - हरदा, राज्य - मध्य प्रदेश पिन 461335, पूर्व प्राचार्य, ज्ञानदीप हाई स्कूल मगरधा, पूर्व प्रधान पाठक उर्दू माध्यमिक शाला बलड़ी, ग्रामीण विकास विस्तार अधिकारी, बलड़ी, कम्युनिटी हेल्थ वर्कर मगरधा, रचनाएँ निरंतर विभिन्न समाचार पत्रों एवं पत्रिकाओं में 30 वर्षों से प्रकाशित हो रही है, अब तक दो हज़ार 2000 से अधिक रचनाएँ कविताएँ, ग़ज़लें सामयिक लेख प्रकाशित, निरंतर द ग्राम टू डे प्रकाशन समूह,दी वूमंस एक्सप्रेस समाचार पत्र, एडुकेशनल समाचार पत्र पटना बिहार, संस्कार धनी समाचार पत्र जबलपुर, कोल फील्डमिरर पश्चिम बंगाल अनोख तीर समाचार पत्र हरदा मध्यप्रदेश, दक्सिन समाचार पत्र, नगसर संवाद नगर कथा साप्ताहिक इटारसी, में कई ग़ज़लें निरंतर प्रकाशित हो रही हैं, लेखक को दैनिक भास्कर, नवदुनिया, चौथा संसार दैनिक जागरण ,मंथन समाचार पत्र बुरहानपुर, और कोरकू देशम सप्ताहिक टिमरनी में 30 वर्षों तक स्थायी कॉलम के लिए रचनाएँ लिखी हैं, आवर भी कई पत्र पत्रिकाओं में मेरी रचनाएँ पढ़ने को मिल सकती हैं, अभी तक कई साझा संग्रहों एवं 7 ई साझा पत्रिकाओं का प्रकाशन, हाल ही में जो साझा संग्रह raveena प्रकाशन से प्रकाशित हुए हैं, उनमें से,1. मधुमालती, 2. कोविड ,3.काव्य ज्योति,4,जहां न पहुँचे रवि,5.दोहा ज्योति,6. गुलसितां 7.21वीं सदी के 11 कवि,8 काव्य दर्पण 9.जहाँ न पहुँचे कवि,मधु शाला प्रकाशन से 10,उर्विल,11, स्वर्णाभ,12 ,अमल तास,13गुलमोहर,14,मेरी क़लम से,15,मेरी अनुभूति,16,मेरी अभिव्यक्ति,17, बेटियां,18,कोहिनूर,19. मेरी क़लम से, 20 कविता बोलती है,21, हिंदी हैं हम,22 क़लम का कमाल,23 शब्द मेरे,24 तिरंगा ऊंचा रहे हमारा,और जील इन फिक्स पब्लिकेशन द्वारा प्रकाशित सझा संग्रह1, अल्फ़ाज़ शब्दों का पिटारा,2. तहरीरें कुछ सुलझी कुछ न अनसुलझी, दो ग़ज़ल संग्रह तुम भुलाये क्यों नहीं जाते, तेरी नाराज़गी और मेरी ग़ज़लें, और नवीन ग़ज़ल संग्रह जो आपके हाथ में है तेरा इंतेज़ार आज भी है,हाल ही में 5 ग़ज़ल संग्रह रवीना प्रकाशन से प्रकाशन में आने वाले हैं, जल्द ही अगले संग्रह आपके हाथ में होंगे, दुआओं का खैर तलब,,,,,,,