कविता

कविता – लंगर

लंगर परोपकार की,
एक खूबसूरत श्रंगार है।
जिंदगी में खोई हुई खुशियां को,
मिलता उपहार है।

नम्रता और सुचिता,
यही से प्रकाशित होती है।
नवीन प्रयास संग,
उम्मीद संजोकर रखी जाती है।

सारा सच है तो यह अधिकार है,
खूबसूरत पवित्र ध्येय है,
उन्नति और प्रगति का,
सबसे बेहतरीन व्यवहार है।

पावन पर्व है,
उन्नति और प्रेम से,
मिलता सुबुद्धि है।
सही सोच को साकार करने में,
खत्म होती सबकी मंदबुद्धि है।

इन्सानियत को बरकरार रखने वाले,
हमेशा आगे रहते हैं।
सारा सच के उन्नत गुणों से,
रूबरू होते हुए आगे बढ़ते हैं।

लंगर परोपकार का संकल्प है,
यही जिंदगी का प्रकल्प है।
सारा सच का उद्गार है,
उन्नति और प्रगति से अवगत कराने वाली ताकत बनकर,
सबमें खुशियां और सुकून से,
भय देती संस्कार है।

आज़ साहित्य और संस्कृति को,
सारा सच में,
इन्सानियत नज़र आतीं हैं।
सहिष्णुता और उत्साह से,
भरपूर कर जाती है।

गुरूद्वारे में है यह संस्कार,
समानता है इसका आधार।
हमें बेहतर बनाता है
सबमें खुशियां भर जाता है।

सामूदायिक रसोई है आंगन यहां,
खुशियां बांटती है ख़ूब धार।
निःशुल्क व्यवस्था को लेकर,
नहीं होता कोई तकरार।

धर्म,लिंग व जाति नहीं है,
निशुल्क भोजन का है एक प्यार।
समानता के रंग में रहते हैं सब लोग,
मेहनत है इसकी एक धार।

मानव परिवार का है एक आंगन,
समानता है इसका भाव।
इस कारण से इस बगीया में,
दिखता है सुन्दर सद्भाव।

— डॉ. अशोक, पटना

डॉ. अशोक कुमार शर्मा

पिता: स्व ० यू ०आर० शर्मा माता: स्व ० सहोदर देवी जन्म तिथि: ०७.०५.१९६० जन्मस्थान: जमशेदपुर शिक्षा: पीएचडी सम्प्रति: सेवानिवृत्त पदाधिकारी प्रकाशित कृतियां: क्षितिज - लघुकथा संग्रह, गुलदस्ता - लघुकथा संग्रह, गुलमोहर - लघुकथा संग्रह, शेफालिका - लघुकथा संग्रह, रजनीगंधा - लघुकथा संग्रह कालमेघ - लघुकथा संग्रह कुमुदिनी - लघुकथा संग्रह [ अन्तिम चरण में ] पक्षियों की एकता की शक्ति - बाल कहानी, चिंटू लोमड़ी की चालाकी - बाल कहानी, रियान कौआ की झूठी चाल - बाल कहानी, खरगोश की बुद्धिमत्ता ने शेर को सीख दी , बाल लघुकथाएं, सम्मान और पुरस्कार: काव्य गौरव सम्मान, साहित्य सेवा सम्मान, कविवर गोपाल सिंह नेपाली काव्य शिरोमणि अवार्ड, पत्राचार सम्पूर्ण: ४०१, ओम् निलय एपार्टमेंट, खेतान लेन, वेस्ट बोरिंग केनाल रोड, पटना -८००००१, बिहार। दूरभाष: ०६१२-२५५७३४७ ९००६२३८७७७ ईमेल - [email protected]